23 भोलो पन नमरता, अऊर संयम हैं असा-असा काम हुन को बदला विरोध म कोई भी नेम नी हाय।
23 सोज, आउर सहन आय, असन-असन काममन चो बिरूद ने काई बले नियम निआय।
जब वी धर्म, अर संयम, अर आन वाले न्याय को चर्चा कर रय्हा हता, ते फेलिक्स न डर ख उत्तर दियो, “अभी तर जा; मी अवसर पा ख तोखा फिर बुलाऊँगो।”
सब प्रतियोगी हर बात म संयम रखह हैं। वी मुरझान वालो मुकुट पावन को लाने असो करह हैं, जब कि हम अविनासी मुकुट को लाने।
अऊर अदि तुम आत्मा को हिसाब से चला हैं ते नेम को बस म नी रया।
यू जान ख कि नेम धर्मी जन को लाने नी पर अधर्मी या पापी हुन, निरंकुसों, भक्तिहीन, पापियो, अपविस्रो अर असुध्द हुन, अदमी हुन माय-बाप को मारन वाला, हत्यारो,
पर घर आया वाला मिजवान हुन की पोऊन चारी करन वालो अर भलई ख चाहन वालो, सहन करन वालो, न्याय करन वालो, सुध्द अर अपनी इन्द्री ख जीतन वालो होनो चाहिये।
एकोमतलब बुढ्ढा अदमी हुसयार अर सोचन वालो अऊर धीरज धरन वालो होय, अर उनको भरोसा अऊर प्रेम अर धीरज पक्को होय।