अऊर जे ख कोई को तो ख देनो हैं, ओको हक चुका दे। जे कर तो ख देनो हैं, ओ ख दे। जेकी चूँगी तो पर निकलह हैं, ओ ख चूँगी दे। जे से तो ख डरनो चहिए ओको सम्मान कर।
अदि कोई विधवा का पोरिया-पारी या नाती नतरा होय, ते वी पहले अपनो ही घरानो को संग भक्ति को बर्ताव करनो अर अपना माय-बाप हुन ख उनको हक देनो सीखे, काहेकि असो परमेस्वर ख भावा हैं।