एमा सन्देह नी कि भक्ति को भेद गम्भीर हैं: लेकिन वह जे सरीर म प्रगट हुओ आत्मा म धर्मी ठहरो स्वर्ग दूत हुन ख दिखाई दियो, दुसरी जाति हुन म उसको प्रचार भयो, दुनिया म ओ पर भरोसा किरयो गयो, अर महिमा म ऊपर उठाया गयो।
यूही तरीका कलीसिया को सेवक हुन ख भी सम्मानीय होनू चहिए जेको सब्द हुन पर भरोसा कियो जावह हो। अंगूर को रस म ओकी रुचि नी होनू चहिए। बुरे रस्ता से उन ख पैसा कमान को इकछुक नी होनू चहिए।