22 ओरत हुन, अपनो अपनो अदमी को असो बस म रहो जसो प्रभु को।
22 हे बायलेमन, आपलो-आपलो मनुक चो असन अधीन राहा जसन परबु चो।
बाई हुन कि कलीसिया म बैठक म चुप रय्हे, काहेकि उन ख बात करन की आदेस नी हैं, पर बस रह को कहना हैं, जसो नेम म लिखो भी हैं।
ओरत हुन, अपनो अपनो अदमी को असो बस म रहो जसो प्रभु को।
अरे नउकर हुन, जे इंसान या दुनिया म तुमरा मालीक या प्रभु हैं, अपनो मन या सरीर कि सिधो चाल से डरते अऊर काँपते हुए, जसो मसी की वसोईच उनको भी कहेना मानो।
जब तुम लोग मसी को संग जिलायो गयो, ते स्वर्ग की चीज खोजते रहो, जाहा मसी परमेस्वर को जेवनो तरफ बैठो हैं।
हे ओरत हुन, जसो प्रभु म उचित हैं, वसो ही अपनो अपनो पति को अधीन रहो।
अर धीरज रखन वाली, अदमी को धरम पुरो करन वाली, घर को कारोबार पुरो करन वाली, भली, अर अपनो-अपनो अदमी को बस म रहन वाली होय ताकि परमेस्वर को वचन की बुराई नी होनो चहिए।