मोरो नजीक सब कुछ हैं, याने बेजा हुन से भी हैं; जो चीज हुन तुम न इपफ्रुदीतुस का हात से भेजी हती उन ख पा ख मी भरपूर हो गयो हैं, उ ते सुखदायक, सुगन्ध स्वीकार करन योग्य बलिदान हैं, जो परमेस्वर ख भाव हैं।
अदि कोई विधवा का पोरिया-पारी या नाती नतरा होय, ते वी पहले अपनो ही घरानो को संग भक्ति को बर्ताव करनो अर अपना माय-बाप हुन ख उनको हक देनो सीखे, काहेकि असो परमेस्वर ख भावा हैं।
काहेकि अदि तुम न पाप कर ख मार खायो अर सान्ति रखो, ते यू म का बड़ाई कि बात आय? पर अदि अच्छो काम कर ख दुख उठाए हैं अर सान्ति रख हैं, ते यू परमेस्वर को बड़ाई को योग्य आय।
तुम भी खुद जिन्दो पत्थर हुन को जसो आत्मिक घर बनाव जाव हैं, जे से पण्डित हुन को सुध्द जात बन ख असो आत्मिक बलिदान चढ़ा जो यीसु मसी को दुवारा परमेस्वर ख अपना वा हैं।