2 तुम पुरो तरीका से विनम्र, सैयम अर सहनसील बने, प्रेम से एक दुसरा ख सैय लेव
2 बल्लोने पूईतराय दिनता आउर नम्रता संगे, आउर धीरज धरून भाती मया ले गोटक दुसर चो सहा;
मोरो बोझ अपनो ऊपर ले लेव अऊर मोसे सिखो; काहेकि मी सुभाव से मन म नम्र अर दीन हैं। असो कर ख तुम मन म सान्ति पायगो,
यू सुन ख यीसु न उनसे जवाब देखा कय्हो “अरे अविस्वासी अदमी, मी कब तक तुमरो संघ म रहू? अर कब लक तुम ख झेलू? ओ ख मोरो कने लाव।”
यानी बड़ी नम्रता से अर आँसु बहा-बहा ख, अर वी परीक्छा हुन म जे यहूदी हुन को साजिस को लाने मो पर आ पड़ी, मी प्रभु की सेवा करते ही रयो;
अब हम ताकतवार हुन ख जरूरी आय कि कमजोर हुन ख कमजोर हुन ख सहन, नी कि अपनो खुद ख खुस कर।
उ सारो बात हुन ढाँक लेवा हैं, सब बात हुन को भरोसा करा हैं, सब बात हुन को आसा रखा हैं, सब बात हुन म धीरज धरा हैं।
तुम एक दुसरा को भार उठानो अर असो तरीका से मसी को नेम ख पुरो करो,
ओ न हम ख संसार को बननो से पहिले मसी म हमका चुनियो, जसो हम मसी म एकजुट हो का ओकी नजर म सुध्द अर बेकसूर बने।
तुम परमेस्वर की महिमामय सक्ति से अत्यधिक बल पा ख हमेसा मजबुत बना रहेय, सब कही खुसी को संग सह सकेगो।
पर हे परमेस्वर को जन, तू यू बात से भाग, अर धर्म, भक्ति, भरोसा, प्रेम, धीरज अर नम्रता को पीछु कर।
पर वी लडाई करन वालो ख चोक्खो से समझा, का जाने परमेस्वर उन ख मन फिराव को दे कि वी भी सही ख पहिचाने,
एकोलाने पुरी मलिनता अर दुसमनी भाव की बढ़ती ख दुर कर ख उ वचन ख धीरे से ग्रहण कर ले जे दिल म बोयो गयो अर जे तुमरी जान हुन ख उध्दार कर सकह हैं।
पर मसी को प्रभु जान ख अपनो अपनो मन म सुध्द समझो। पर जो कोई तुम से तुमारी आसा को बारा म कई पूछे, ओ ख जवाब देन का लाने हमेसा तैयार रह, पर नम्रता अर डर का संग;
अब: सब झन एक मन अर कृपामय अर भई चारा हुन को रखन वाली, अर करूनामय अर सिधो बनो।