“मी तुम से सच्ची-सच्ची कहूँ हैं,” कि उ बखत आन वालो हैं, पर आ ही गयो हैं, जोमन मरिया वाला परमेस्वर को पोरिया कि आवाज सुनेगो, अर जे सुनेगो वी जिन्दगी पायगो।
तुम लोग पाप हुन को वजे अऊर अपनो स्वभाव को खतना को अभाव को कारन मर गया था। परमेस्वर न तुम लोगो ख मसी को संग जी उठायो हैं। ओ न हमारो सब अपराध हुन ख माप करियो हैं।
सरदीस की कलेसिया को दूत ख असो लिख: “जेको जोने परमेस्वर कि सात आत्मा हुन अर सात तारा हैं।” उ असो कहाँ हैं कि मी तोरो सुभाव ख जानू हैं: तू जिन्दो तो हैं पर हैं मरिया।