पर मी डरु हैं कि साँप न अपनी चलाकी से हवा ख बहकायो, वसो ही तुमारा मन हुन वा सीधाई अर सुध्दता हुन से जो मसी ख संग होनू चाहिए, असो नी कि भ्रस्ट नी कियो जाहे।
एकोलाने हम आगे ख पोरिया पारी नी रहन ख जो अदमी हुन कि ठगन वाली बुध्दी अऊर चतुराई से, उनको ठग विद्या भ्रम कि युक्ति हुन को अर उपदेस को हर एक झोका से उछाला अऊर इते-उते घुमाया जावा हैं।
एकोलाने मी तुम इंसान हुन से यू कहू हैं अर प्रभु को नाम म बिनती करू हैं कि तुम अब से दुसरी जात को जसो सुभाव मत करनो, बिन सार की बात हुन कि चिन्ता करा हैं।
कोई अदमी आत्मा-हीनता अऊर स्वर्ग दूत की पुजा करा ख तुम ख दऊड को प्रतिफल से वचित नी करे। असो अदमी देखी वाली बात म लगो रह हैं अर अपनी सरीर कि समझ पर बेकार फूल्यो हैं,
होसियार रहो कि कोई तुम ख उ तत्व-ग्यान अर बेकार धोखा को व्दारा अपनो अहेर नी बनो ले, जे अदमी हुन की रीति रिवाज हुन अऊर दुनिया की आदि सिक्छा को अनुसार ते हैं, पर मसी को अनुसार नी।
अरे पोरिया हुन, यू आखरी बखत हैं; अऊर जसो तुम न सुन्यो हैं, कि मसी को दुसमन आनवालो आय ओखा हिसाब से अब भी बेजा से मसी दुसमन उठ खड़ा भयो हैं; ऐ म हम जानह हैं कि यी आखरी बखत हैं।
अरे प्यारो दोस्त, हर एक कि विस्वास नी करह, यानी आत्मा हुन ख परख कि वी परमेस्वर कि तरफ से आय कि नी; काहेकि बेजा से झूटा भविस्यवक्ता हुन दुनिया म निकल खड़े भयो हैं।
तब उ बडो अजगर, एकोमतलब उई पुरानो साँप जो इबलीस अऊर सैतान कहलाय हैं अर पुरी दुनिया ख मारन वालो हैं, जमीन पर गिड़ा दियो गयो, अर ओखा दूत ओको संग गिड़ा दिया गया!
अर ओखा अथाह कुण्ड म डाल ख बंद कर दियो अर ओपर मोहर लगा दियो कि उ हजार साल को पुरो होन तक जात जात ख इंसान हुन ख फिर नी भरमान को। एकोबाद जरूर हैं कि उ थोड़ी देर को लाने फिर खोलो जाहे।