6 उन ख प्रेरित हुन का सामे खड़ो कियो अर उन ख प्रार्थना कर ख ओ पर हात रखियो।
6 ऐ मन के पठालोबितामन चो पुरे उबा करला आउर हुनमन पारथना करून हुनमन उपरे हाथ संगाला।
अर असो बोल ख ओखा बेजा विनती करी, “की मोरी छोटी पोरी मरन पर हैं: तू आका ओपर हात धर कि वा अच्छी होका जिन्दा रहे।”
फिर उन न प्रार्थना करी, “हे प्रभु, तू जे सब ख मन को जाँचन वालो हैं, यू प्रगट कर की इ दोनो जन म से तू न कोको चुनो हैं,
तब उन्होनो उपवास अर प्रार्थना कर ख अर ओ पर हात रख ख उन ख बिदा कियो।
जब पोलुस न उन पर हात रखिया, ते सुध्द आत्मा उ पर उतरियो, अर वी अलग-अलग भासा बोली बोलत अर भविस्यवानी करन लगिया।
एकोलाने पतरस आ यूहन्ना न उन पा हात धरया अर उनका सुध्द आत्मा मिल गयो।
“अर ओ न हनन्याह नाम को एक अदमी का आन्दर आत अर अपन ऊपर हात रखत देखो हैं; ताकि फिर से नजर पाएगो।”
तब हनन्याह उठ ख ओ घर म गयो अर जाहा साऊल था, अर ओ पर पर अपनो हात रख ख कय्हो, “हे साऊल भई, प्रभु, अर्थात् यीसु, जे ओ रस्ता म, जेसे तू आयो तोखा दिखाई दियो हतो, ओको न मोखा भेजो हैं कि तू फिर नजर पाएगो अर सुध्द आत्मा से भर जाएगो।”
उ वरदान को मुताबित जे तो म हैं, अर भविस्यव्दाणी को दुवारा मुखिया याजक हुन को हात रखते टेमं तो ख मिलो थो, बे फिकर मत रहजो।
कोई पा तुरत हात मत धरजो, अर दुसरा को पाप हुन म सामिल मत होजो, खुद ख सुध्द बना ख रख।
यही वजह म तो ख सुधि दिलाउ हैं कि तू परमेस्वर को उ वरदान को जे मोरो हात रखन को व्दारा तो ख मिलह हैं प्रज्वलित कर देहे।
अर बपतिस्मा को अर हात रखन की विधि, अर मरिया वाला हुन को जिन्दो होनू, अर आखरी न्याव कि ग्यान रुपी नीव फिर से नी डाले।