15 ई दिन को बाद हमना तैयारी करी अर यरूसलेम ख चल दिया।
15 ऐ दिनमन चो पाचे आमी तिआर करलु आउर यरूशलेम चो बाटे जाते गेलु।
अर कैसरिया म उतर ख (यरूसलेम ख) गयो अर कलेसिया ख मिलाप भेट कर ख अन्ताकिया म आया।”
या घटना घटन को बाद पोलुस न अपनो मन म मकिदुनिया अर अखया से हो ख यरूसलेम जान को पक्को करियो। उन कय्हो, “वहाँ जान को बाद मोखा रोम भी देखनो चहिए।”
जब हम न असी बात सुनी, ते हम अर वहाँ ख अदमी हुन न ओसे विनती करी कि यरूसलेम ख मत जानु।
फेस्तुस उ देस म पहुँचन का तीन दिन बाद कैसरिया से यरूसलेम ख गयो।
ओके बीच म कोई आठ दस रोज रह ख वी कैसरिया चलो गयो; अर दुसरो रोज न्याय आसन म बैहिठ ख पोलुस को लाने कि आग्या दी।
तब फेस्तुस न यहूदी हुन का खुस करन की इच्छा से पोलुस से कय्हो, “क तू चावा हैं कि यरूसलेम ख जाए अर वी मोरो सामे तोरो यू मुकदमा तय कियो जाए?”