पर जब वी मन मोटाव अर निन्दा करन लग्या, ते ओ न अपना कपड़ा झाड़ ख उनसे कय्हो, “तुम्हारो खून तुम्हारी ही गर्दन पा रहे! मी बेगुनह हैं। अब से मी दुसरी जात हुन को पास जाऊँगो।
मोरी उन यातनाएँ अऊर पीड़ा हुन म मोरो संग दियो हैं तुम ते जानह ही हैं कि अन्ताकिया, इकुनियुम अऊर लुस्रा म मो ख कित्ती भयंकर यातनाएँ दी गयी थी जिन ख मी न सहयो। किन्तु प्रभु न उन सब से मोरी रक्छा करी।