जब वी उपास रह ख प्रभु की सेवा कर रय्हे हते, ते सुध्द आत्मा न कय्हो, “मोरो लियो बरनबास अर साऊल का उ काम को लाने अलग करियो जेको लियो मी न उन ख बुलायो हैं।”
तब हनन्याह उठ ख ओ घर म गयो अर जाहा साऊल था, अर ओ पर पर अपनो हात रख ख कय्हो, “हे साऊल भई, प्रभु, अर्थात् यीसु, जे ओ रस्ता म, जेसे तू आयो तोखा दिखाई दियो हतो, ओको न मोखा भेजो हैं कि तू फिर नजर पाएगो अर सुध्द आत्मा से भर जाएगो।”