काहेकि इन लोग हुन का मन मोटो हो गयो हैं, अर वी कान हुन से उँचो से सुन हैं अऊर उनना अपनी आँखी बंद कर ली हैं; वी आँख हुन बन्द कर ली हैं; कही असो नी हो कि वी आँख हुन से देखे, अर कान हुन से सुने अर मन से समझे, अर फिर जाहे, अर मी उन ख अच्छो करूँ।
काहेकि जब हम न तुम ख अपनो प्रभु यीसु मसी कि सक्ति ख अर आखरी बखत म आन को बारा म बता दियो हतो, ते हुसयार से गढ़ी भई कायनी हुन को अनुकरण नी हतो असो कि हम न खुद ही ख ओखा घमण्ड ख देखो हतो।