का यू कभी सुननो म आयो कि कुई अपनो पैसा खर्च ख सेना म सेवा कर हैं? कोन अंगूर कि बारी लगा ख ओको फल नी खाय हैं? कोन पालतू ढोर पाल ख उन ढोर हुन को दूध नी पीवा हैं?
अदि हम ख दुख मिल हैं, ते तुम अदमी हुन कि सान्ति अऊर मुक्ति का लाने हैं; अर अदि हम ख धीरज मिलआ हैं, ते एकोलाने कि हम ख तुम अदमी हुन ख धीरज दे सक, जे से तुम धीरज का संग उ दुख सहन म मजबूत हो, जे ख हम भी सह लेव हैं।
मोरी उन यातनाएँ अऊर पीड़ा हुन म मोरो संग दियो हैं तुम ते जानह ही हैं कि अन्ताकिया, इकुनियुम अऊर लुस्रा म मो ख कित्ती भयंकर यातनाएँ दी गयी थी जिन ख मी न सहयो। किन्तु प्रभु न उन सब से मोरी रक्छा करी।
तुम इंसान वी बितीया वाला दिन हुन ख याद करो जब तुम ख उजेरो मिलन को तुरत बाद वा, बडी दु: ख मूसिबत संघर्स भोगनो को बाद समना करते हुए, मजबूती से डटिया रहे।
भरोसा को वजे से उन न मिसर देस ख छोड़ दियो। उ राजा फिरोन को गुस्सा से नी डरीया, बल्कि हिम्मत से खडो रयो, मानलेव उ नी दिखई देन वालो परमेस्वर ख देखत होये।
धन्य हैं उ जो मूसिबत म विस्वास लायक रहवा हैं दुख से खडो निकलनो पर ओ ख जिन्दगी को उ मुकुट हासिल होय जे ख प्रभु न अपनो दास हुन ख देवन को वादा करयो हैं। अपन प्यार करन वाला से की आय।