एकोलाने जब तक प्रभु नी आये हे उ बखत से पहले कुई बात हुन ख फैसला नी करे उ अन्धकार कि छुपी बात हुन ज्योति म दिखाए, अऊर मन हुन ख अभिप्राय ख देखागो करेगों, तब परमेस्वर कि तरफ से हर एक कि स्वगत होय।
काहेकि लोग हुन कह हैं, “ओकी चिठ्टी हुन ते गम्भीर अऊर सक्तिसाली आय; पर जब उ सामने होए हैं, ते ओको सरीर ख निर्बल लगह हैं अर ओकी बोलन कि सक्ति नी का बराबर हैं।”