एकोलाने मी न जे या इच्छा करी हती ते का मी न छिछोरा पन दिखायो? या जो करनु चाहूँ हैं का सरीर को अनुसार करन चाहूँ हैं कि मी बात म हाव भी करू अर नी भी करू?
मी मसी को संग सुली पर चढ़ायो गयो हैं, अब मी जिन्दो नी रयो, पर मसी मोरो म जिन्दो हैं; अर मी सरीर म अबा तो जिन्दो हैं ते सिर्फ उ भरोसा से जिन्दो हैं जे परमेस्वर को पोरिया पा हैं, जेना मोसे प्रेम करयो अर मोरो लाने अपनो तुम ख दे दियो।
काहे कि हम गवाही हुन की असी इत्ती बडी भीड़ से घिरया हैं, जो हम ख भरोसा को मतलब का होव हैं ऐकी गवही देवा हैं ऐको लाने आओ रोड़ा बनन वाली हर एक चिज ख अऊर उ पाप ख जो सहज ही हम ख उलझा देवा हैं झटक ख फेके अऊर वा दऊड जेय म हम ख दऊडनू हैं, आओ धीरज को संग म ओ ख उखाड़ ख फेके आओ ओ ख धीरज को संग म दऊडे,