अदि एक दूसरा ख उत्साह करन को वरदान हैं, ते उत्साहित कर। अऊर एक दूसरा ख देन को वरदान हैं, ते उदारता से दे अर जे ख अगुवाई वरदान हैं ते खुसी से करो, जेख अनुग्रह करन को वरदान हैं ते ओ ख दया करनो चाहिए।
एकोलाने अरे भई हुन, क करनु चाहिए अऊर बाई हुन क करनु चाहिए, जब तुम संगित अऊर इकट्ठा होय? ते कोई भजन सुनना हैं ते कोई सिखा वा हैं, ते कोई अपनो पर प्ररगट करियो हुयो सच बोल हैं, ते कोई दूसरी भासा म बोल हैं अऊर कोई ओकी अर्थ बताया हैं। अऊर यू सब आत्मिक सुधार को लाने होनो चाहिए।
एकोलाने अरे भई बहिन हुन, अदि मी तुमारो नजीक आँख दूसरी भासा हुन म बात करूँ, अऊर उजालो अर समझ अर भविस्यव्दानी अर उपदेस कि बात हुन तुम से नी कहे, ते मोखा से तुमारो क फयदा होय।
अदि तू विस्वासी भई हुन का इ बात हुन को सिक्छा दिलात रहे, ते मसी यीसु को चोक्खो सेवक ठहरेगो; अर भरोसा अर चोक्खो सिखन वाला हुन को बात से, जे तू मानत आयो हैं, तोरो पालन-पोसन होत रहेगो।