26 सब भई बंद हुन ख प्रेम को सुध्द चुम्मा से सम्मान करनु।
26 सपाय भाईमन के पवितर चुमा ले जुहार करा।
“अदि तुम केवल अपना भई हुन ख ही नमस्कार करे, ते कोन सो बड़ो काम करा हैं? का गैर-यहूदी का भी असो नी करा हैं?
आपस म सुध्द चुमा से नमस्कार कर। तुम ख मसी कि सारी कलीसिया हुन ख तरफ से नमस्कार।
सब भई हुन तुम ख नमस्कार: सुध्द चमा लेन से आपस म नमस्कार कर,