तुम मोरो म बनिया रहनु, अर मी तुम म। जसी डगियान अदि झाड़ की डगियान म लगी नी रहन की ते अपनो तुम म नी फर सका, वसो ही तुम भी अदि मोरो म बनिया नी रहन का ते नी फल फर सका।”
अर यू दुनिया को सदस्य नी बन; पर तुमारी मन का नयो हो जानू से तुमारी चाल चलन भी बदलतो जाहे, जे से तुम परमेस्वर कि भली, अर भावती, अर पसंन्द, अर अच्छी परख अनुभव से मालूम कर सका हैं।
एकोलाने अरे भई हुन, जो जो बात सच हैं, अर जो जो बात हुन समान योग्य हैं, अर जो जो बात हुन उचित हैं, अर जो जो बात सुध्द हैं, अर जो जो बात हुन अच्छी हैं, अर जो जो बात हुन मन ख अच्छो हैं, याने जो भी सद्गुण अर महिमा कि बात हैं उन पर चित लगाया करा।
एकोलाने अरे भैय्या हुन अर बहिन हुन!, तुम विस्वास म मजबूत बनिया रहनो; अर वी रीति रिवाज हुन ख मानते रहनो जेको ग्यान तुम ख मुखादरे या चिठ्टी को रूप म हम से मिली हैं।
अरे प्यारो दोस्त, हर एक कि विस्वास नी करह, यानी आत्मा हुन ख परख कि वी परमेस्वर कि तरफ से आय कि नी; काहेकि बेजा से झूटा भविस्यवक्ता हुन दुनिया म निकल खड़े भयो हैं।
मी तोरो सुभाव तोरी मेहनत अर तोरी धीरज ख जानु हैं; अर यू भी कि तू बुरा अदमी हुन ख सैय नी सका, अर जे खुद ख चेला बोला हैं, अऊर प्रेरित आय नी, तुना उन खा परख ख झुटो पायो हैं।
एकोलाने याद कर कि तुना कसो ग्यान पायो हैं अर कसी सुनी रहा, अऊर उनमा बनो रयो अर मन फिरा। अदि तू चेत ख नी रहन को ते मी चोर को जसो आ जाहूँ, अर तू कभी नी जान सकन को कि कोन घड़ी तोरो जोने आ जाऊँगो।