तुम न मोखा नी चुनियो पर मी न तुमका चुनो हैं अर तुमका ठहरायो कि तुम जाका फल लाव अर तुमरो फल बनो रहे, कि तुम मोरो नाम से जे कुछ परमेस्वर बाप से माँगे, उ तुमका दे।
“काहेकि परमेस्वर न पुरा दुनिया ख इंसान हुन से असो प्रेम रख”, कि ओ न अपनो अकेलो पोरिया तक दे दियो, ताकि जो कोई ओपर भरोसा करे उ नास नी होन को, पर अनन्त जीवन पाहे।
अदि कुई कहे, “मी परमेस्वर से प्यार रख हूँ,” अर अपनो भई से बुराई रखे ते उ झूठो आय; काहेकि जो अपनो भई से जेना ओ न देखो हैं प्यार नी रखा, ते उ परमेस्वर से भी जे न ओ न नी देखो प्यार नी रख सका।