“प्रभु का आत्मा मोपर हैं, एकोलाने कि ओ ना बिखारी ख सुसमाचार सुनानो का लियो मेरो अभिसेक कियो हैं, अर मो ख ऐको भेजो हैं कि बंदी हुन को छुटकारे का अर अंधो को दृस्टि पानो को चोक्खो प्रचार करुँ अर कुचलो वाला उन ख छुड़ाऊँ,
पर तुमारी मदत करन वालो एको मतलब सुध्द आत्मा जोका परमेस्वर बाप मोरो नाम से भेजेगो, उ तुमका सबरी बात हुन सिखाएगो अर जे कुछ मी न तुम से कय्हो हैं, उ सब तुमका याद दिलायगो।”
पर जब उ एकोमतलब सत्य को आत्मा आएँगो, ते तुमका सब सत को रस्ता बतायगो, काहेकि उ अपनी तरफ से नी कहन को पर जे कुछ सुनेगो उईच कहेगो, अर आन वाली बात हुन तुमका बताएगो।
परमेस्वर न उसी नासरी यीसु कसो तरीका से यीसु नासरत ख सुध्द आत्मा अर सामर्थ्य से अभिसेक करियो; उ भलाई करा अर सब का जो सैतान का सताया वाला हता, चोक्खो करते फिरीयो, काहे की परमेस्वर को संग म हतो
पर तुमारो उ अभिसेक जे मसी कि ओर से कियो गयो, तुम म बनो रवह हैं; अर तुम ख ओको प्रयोजन नी कि कोई तुम ख सिखावा हैं, कि जसो उ अभिसेक जे ओकी तरफ से कियो गयो तुम ख पूरी बात हुन सिखाव हैं, अर यू कि सच्चो हैं अर झूटा नी हैं; अर जसा ओ न तुम ख सिखायो हैं वसो ही तुम ओ म बनो रवह हैं।
पर यघ्घपी तू पुरी बात एक बार जान चुको हो, तेभी मी तो ख या बात कि सुधि दिलानो चाहूँ हैं कि प्रभु न एक कुल को मिसर देस से छुड़ानो को बाद भरोसा न लान वाला ख खत्म कर दियो।
“फिलदिलफिया की कलेसिया को दूत ख असो लिख।” “जो सुध्द अऊर सच्चो हैं, अर जे दाऊद कि चाबी रखा हैं।” जोका खोलीया वाला का कोई बन्द नी कर सका अर जेका बन्द करीया वाला का कोई खोल नी सका, उ असो बोला हैं की
चारी जीव हुन का छे: छे: पंख हैं, अर चारी तरफ अर भीतर आँखी ही आँखी हैं; अर वी रात दिन बिना आराम करो असा बोलते रहवा हैं, “सुध्द, सुध्द, सुध्द प्रभु परमेस्वर, सर्वसक्तिमान,” जो हतो अर जो हैं अर जो आन वालो हैं।