अदि पर हमारो अधर्म परमेस्वर ख धार्मिकता रयो देवा हैं, ते हम का कहे? का यू कि परमेस्वर जो घुस्सा करिये हैं अधर्मी हैं? यू ते म अदमी की रीति पर कहूँ हैं।
मी तुमरी सरीर की कमजोरी को वजेसे इंसान हुन की परंपरा को हिसाब से कहूँ हैं। जसा तुमना सरीर हुन ख बुरो काम को लाने असुध्द अर बुरो काम का दास होन को लाने सोपयो रा, वसा ही अब अपना सरीर ख सुध्द होन को लाने धर्म को दास कर ख सोप देव।
एकोलाने हम भी परमेस्वर को धन्यवाद हमेसा करते रहवा हैं कि जब हमरो दुवारा परमेस्वर को सुभ समाचार को वचन तुमरो जोने पहुँचियो, ते तुम न ओ ख अदमी हुन को नी पर परमेस्वर को वचन समझ ख अर सच्ची म यू असो ही हैं झेल लियो अर उ तुम विस्वास करन वाला म विस्वास रखा हैं, सक्तिसाली हैं।