ओ न कय्हो, “तुम को परमेस्वर को राज को भेदो की समझ दी गयो हैं, पर अरो को उदाहरन हुन म सुनायो जात हैं, एकोलाने कि ‘वी देखत हुओ भी नी देखा, अर सुन ख भी नी समझ सक हैं।’
अरे भई अर बहिन, कही असो नी होए कि तुम अपनो खुद ख समझदार समझ ले, एकोलाने म नी चाहूँ कि तुम यी बात से अनजान रय्हे कि जब तक गैर यहूदी हुन पुरी रीति से भीतर नी कर ले, तब तक इस्राएल को एक हिसा असो ही मजबूत रहेगो।
यदि मी घमण्ड करनु चाहूँ भी तेबी बेकार नी होए, काहेकि म सच बोलू हैं; तेबी रूक जाय हैं, असो नी होय कि जसो कुई मोखा देख हैं अऊर मोसे सुन हैं, मोखा ऐसे बढ़ ख समझ हैं।
अर ऐको संग ही संग हमारो लाने भी प्रार्थना करते रहनू कि परमेस्वर हमारो लाने वचन सुनान को असो दरवाजा खोल देहे, कि हम राज मसी ख बता सके, जोको लाने मी जेल म हैं,
एमा सन्देह नी कि भक्ति को भेद गम्भीर हैं: लेकिन वह जे सरीर म प्रगट हुओ आत्मा म धर्मी ठहरो स्वर्ग दूत हुन ख दिखाई दियो, दुसरी जाति हुन म उसको प्रचार भयो, दुनिया म ओ पर भरोसा किरयो गयो, अर महिमा म ऊपर उठाया गयो।
काहेकि अध्यक्छ ख परमेस्वर को भण्डारी होन को लाने बेकसूर होनो चाहिये; न हट करन वालो, न घुस्सा करन वालो, न दारू पिन वालो (पियक्कड़, न मारपीट करन वालो, अर न नीच कमई को लोब करन वालो होय,