पर जब वी मन मोटाव अर निन्दा करन लग्या, ते ओ न अपना कपड़ा झाड़ ख उनसे कय्हो, “तुम्हारो खून तुम्हारी ही गर्दन पा रहे! मी बेगुनह हैं। अब से मी दुसरी जात हुन को पास जाऊँगो।
काहेकि लोग हुन कह हैं, “ओकी चिठ्टी हुन ते गम्भीर अऊर सक्तिसाली आय; पर जब उ सामने होए हैं, ते ओको सरीर ख निर्बल लगह हैं अर ओकी बोलन कि सक्ति नी का बराबर हैं।”
उ कमजोरी हुन ख लाने सूली पर चढ़ायो ते गयो, तेबी परमेस्वर की सक्ति से जो तुमारो लाने हैं, ओखा संग जीवित हे। हम भी ओ म कमजोर हैं, पर परमेस्वर कि सक्ति से जे तुम्हारो लाने हैं, ओको संग जीएँगो।