कि तुम, जसो कि परमेश्वर को लोगों ख होना, ओख प्रभु म स्वीकार करो; अऊर जो कोयी बात म ओख तुम्हरी जरूरत हो, ओकी मदत करो, कहालीकि ऊ भी बहुतों की बल्की मोरी भी मदत करन वाली होती।
वास्तव म यो समय तक त तुम्ख गुरु बनानो चाहिये होतो, तब भी या जरूरत भय गयी हय कि कोयी तुम्ख परमेश्वर को वचन की सुरूवात की शिक्षा सिखाये। तुम त असो भय गयो हय कि तुम्ख ठोस जेवन खान को बजाय, तुम ख अभी भी दूध पीनो पड़य हय।
पर मोरो जवर तोरो विरोध यो कहनो हय कि तय इजेबेल नाम की बाई ख सह रह्यो हय जो अपनो आप ख परमेश्वर की सन्देश वाहक कह्य हय। अऊर ओकी शिक्षा को द्वारा वा मोरो सेवकों ख व्यभिचार को प्रति तथा मूर्तियों ख चढ़ायो हुयो खाना खान ख मोरो सेवकों की गलत अगुवायी करय हय।