त फिर का भयो? का हम यहूदी गैरयहूदियों सी अच्छो हंय? कभी नहीं; कहालीकि हम यहूदियों अऊर गैरयहूदियों दोयी पर यो दोष लगाय चुक्यो हंय कि हि सब को सब पाप को अधिन म हंय।
यदि मय आदमी की रीति पर इफिसुस म जंगल को जनावर जसो सी लड़्यो त मोख का फायदा भयो? यदि मुर्दा जीन्दो करयो नहीं जाये, “त आवो, खाबोंन-पीबो, कहालीकि कल त मरनोच हय।”
हर तरह की विचित्र शिक्षावों सी भरमायो मत जावो, हमरो दिलो को लायी यो अच्छो हय हि अनुग्रह को द्वारा मजबूत बने नहीं की खान पीवन सम्बन्धित नियमों ख माननो सी, जिन्कोसी उन्को कभी कोयी फायदा नहीं भयो जिन्न उन्ख मान्यो।