कहालीकि उन घोड़ा की सामर्थ उन्को मुंह अऊर उन्की पूछी म होती; येकोलायी कि उन्की पूछी सांपो जसी होती, अऊर उन पूछी की मुंड भी होतो अऊर इन्को सी हि हानि पहुंचात होतो।
टिड्डियां को दल ख निर्देश दियो गयो होतो कि उन्ख लोगों ख मार डालन को त नहीं पर पाच महीना तक तकलीफ देन को अधिकार दियो गयो: अऊर उन्की यातना असी होती जसी बिच्छू को डंक मारनो सी आदमी ख होवय हय।