कहालीकि प्रभु खुदच स्वर्ग सी उतरेंन; ऊ समय ललकार, अऊर मुख्य दूत को आवाज सुनायी देयेंन, अऊर परमेश्वर को तुरही फूकी जायेंन; अऊर जो मसीह म मरयो हंय, हि पहिले जीन्दो होयेंन।
यूहन्ना को तरफ सी आसिया प्रान्त की सात मण्डलियों को नाम: ऊ परमेश्वर को तरफ सी जो हय, अऊर जो होतो, अऊर जो आवन वालो हय; अऊर उन सात आत्मावों को तरफ सी जो ओको सिंहासन को सामने हंय,
जब सातवों स्वर्गदूत न तुरही फूकी, त आसमान म तेज आवाज होन लगी। “हि कह्य रही होती अब जगत को राज्य हमरो प्रभु को आय अऊर ओको मसीह म ओको राज्य हमेशा हमेशा को लायी रहेंन।”
फिर मय न आसमान म एक अऊर बड़ो अऊर अद्भुत चिन्ह देख्यो, मय न देख्यो की सात स्वर्गदूत सात आखरी महामारियों ख लियो हुयो हय, यो आखरी विनाश आय कहालीकि इन्को संग परमेश्वर को प्रकोप भी खतम होय जावय हय।
जब मय न फिर देख्यो, त आसमान को बीच म एक गरूड़ ख उड़तो अऊर ऊचो आवाज सी यो कहतो सुन्यो, “उन तीन स्वर्गदूतों की तुरही को आवाज को वजह, जिन्को फूकनो अभी बाकी हय, धरती को रहन वालो पर कष्ट हो, कष्ट हो, कष्ट हो!”