16 येकोलायी कि तय कुनकुनो हय, अऊर नहीं ठंडो हय अऊर नहीं गरम, मय तोख अपनो मुंह म सी उगलन जाय रह्यो हय।
येकोलायी याद कर कि तय कहां सी गिरयो हय, अऊर पापों सी मन फिराव अऊर पहिले को जसो काम कर जसो तय पहिले करत होतो। यदि तय पापों सी मन नहीं फिरायजो, त मय तोरो जवर आय क तोरो दीवट ख ओकी जागा सी हटाय देऊ।
मय तोरो कामों ख जानु हय कि तय नहीं त ठंडो हय नहीं गरम: भलो होतो कि तय ठंडो या गरम होतो।
तय कह्य हय कि मय धनी आय अऊर धनवान भय गयो हय अऊर मोख कोयी चिज कि कमी नहाय; अऊर यो नहीं जानय कि तय दयालु अऊर बेकार अऊर गरीब अऊर अन्धो अऊर नंगो हय।