कहालीकि जब परमेश्वर न उन स्वर्गदूतों ख जिन्न पाप करयो, उन्ख भी नहीं छोड़्यो, पर नरक म भेज क अन्धारो कुण्ड म जंजीरो सी जकड़ दियो ताकि न्याय को दिन तक बन्दी रहे;
तुम्ख यो भी याद दिलानो चाहऊ हय जो स्वर्गदूतों न अपनी सत्ता ख बनाय क नहीं रख सक्यो पर अपनी निजी निवास ख छोड़ दियो, ओन उन्की भी ऊ कठिन दिन को न्याय को लायी अन्धारो म, जो सनातन काल को लायी हय, बन्धनों म रख्यो हय।
फिर मय न स्वर्ग सी खल्लो उतरतो हुयो एक अऊर सामर्थी स्वर्गदूत ख देख्यो। ओन बादर ख ओढ़्यो हुयो होतो, ओको मुंड को आजु बाजू एक इंद्रधनुष होतो। ओको मुंह सूरज को जसो होतो, अऊर ओको पाय आगी को खम्बा को जसो होतो।
तब ओन ऊ स्वर्गदूत न ओख अधोलोक म डाल क ताला लगाय दियो अऊर ओको पर मुहर लगाय दी ताकी जब हजार साल पूरो होन तक ऊ लोगों ख फिर नहीं भरमाय सकय। हजार साल पूरो होन को बाद थोड़ो समय को लायी ओख छोड्यो जानो जरूरी हय।