12 “पिरगमुन की मण्डली को दूत ख यो लिख। “जेको जवर दोधारी अऊर तेज तलवार हय, ऊ यो कह्य हय कि
कहालीकि परमेश्वर को वचन जीन्दो, अऊर क्रियाशिल, अऊर कोयी भी दोधारी तलवार सी भी बहुत तेज हय। अऊर जीव अऊर आत्मा ख, अऊर जोड़-जोड़ अलग कर क् आर-पार छेदय हय अऊर इच्छाये अऊर बिचार ख जांचय हय।
“जो कुछ तय देख रह्यो हय ओख एक किताब म लिखतो जा अऊर या किताब ख सातों मण्डलियों को जवर भेज दे, मतलब इफिसुस, अऊर स्मुरना, अऊर पिरगमुन, अऊर थुआतीरा, अऊर सरदीस, अऊर फिलदिलफिया, अऊर लौदीकिया ख।”
ऊ अपनो दायो हाथ म सात तारा धरयो हुयो होतो, अऊर ओको मुंह सी तेज दोधारी तलवार निकलत होती। ओको चेहरा भर दोपहर म निकल्यो हुयो सूरज को जसो चमकदार होतो।
राष्ट्रों ख हरावन लायी ओको मुंह सी एक तेज तलवार निकलय हय। ऊ उन पर लोहा को राजदण्ड सी शासन करेंन, अऊर सर्वशक्तिमान परमेश्वर को भयानक प्रकोप की भाति ऊ अंगूररस ख रौंदेंन।
बाकी को सैनिक ऊ घोड़ा को सवार की तलवार सी, जो ओको मुंह सी निकलत होती, मार डाल्यो गयो; अऊर सब पक्षी उन्को मांस खाय क सन्तुष्ट भय गयो।
“इफिसुस की मण्डली को दूत ख यो लिख। “जो सातों तारा अपनो दायो हाथ म धरयो हुयो हय, अऊर सोनो की सातों दीवट को बीच म चलय हय, ऊ यो कह्य हय कि
येकोलायी पापों सी मन फिराव, नहीं त मय तोरो जवर जल्दीच आय क अपनो मुंह की तलवार सी उन्को संग लड़ाई करतो।”