कहालीकि ओको न्याय सच्चो अऊर उचित हंय। ओन वा वेश्या को, जो अपनो व्यभिचार सी धरती ख भ्रष्ट करत होती, न्याय करयो अऊर परमेश्वर न अपनो सेवकों को खून को बदला लियो हय।”
जब ओन पाचवी मुहर खोली, त मय न वेदी को खल्लो उन्को आत्मावों ख देख्यो जो परमेश्वर को वचनों को प्रचार करन को वजह अऊर ऊ गवाहों म विश्वास लायक रहन को वजह जो उन्न दी होती ओको वजह मारयो गयो होतो।
फिर एक अऊर स्वर्गदूत, जेक आगी पर अधिकार होतो, वेदी म सी निकल्यो, अऊर जेको जवर तेज हसिया होतो ओको सी ऊचो आवाज सी कह्यो, “अपनो तेज हसिया लगाय क धरती की बेला को अंगूर को गूच्छा काट ले, कहालीकि ओको अंगूर पक गयो हय।”
त ऊ परमेश्वर की प्रकोप की दारू पीयेंन, असी अमिश्रित तीखी मदिरा जो परमेश्वर को प्रकोप को कटोरा म तैयार करी गयी हय। ऊ लोग ख पवित्र स्वर्गदूतों अऊर मेम्ना को सामने धधकती हुयी आगी अऊर गन्धक म यातनायें दियो जायेंन की पीड़ा म पड़ेंन।
जेक कैद म पड़नो हय, ऊ कैद म पड़ेंन; जो तलवार सी मारेंन, जरूरी हय कि ऊ तलवार सी मारयो जायेंन। येकोलायी परमेश्वर को लोगों न धीरज अऊर विश्वास रखनो जरूरी हय।