पर जो नहीं जान क मार खान्को लायक काम करेंन ऊ थोड़ो मार खायेंन। येकोलायी जेक बहुत दियो गयो हय, ओको सी बहुत मांग्यो जायेंन; अऊर जेक बहुत सौंप्यो गयो हय, ओको सी बहुत लियो जायेंन।
त सोच लेवो कि ऊ कितनो अऊर भी भारी दण्ड को लायक ठहरेंन, जितनो परमेश्वर को टुरा ख पाय सी खुंद्यो अऊर वाचा को खून ख, जेको द्वारा ऊ पवित्र ठहरायो गयो होतो, अपवित्र जान्यो हय, अऊर अनुग्रह की आत्मा को अपमान करयो।
राष्ट्रों को लोग गुस्सा होतो, पर तोरो प्रकोप आय पड़्यो, अऊर ऊ समय आय पहुंच्यो हय कि मरयो हुयो को न्याय करयो जाये, अऊर तोरो सेवक भविष्यवक्तावों अऊर पवित्र लोगों ख अऊर उन छोटो बड़ो ख जो तोरो नाम सी डरय हंय प्रतिफल दियो जाये, अऊर जो धरती बिगाड़ रह्यो हय उन्ख नाश करयो जाये।”
जेक कैद म पड़नो हय, ऊ कैद म पड़ेंन; जो तलवार सी मारेंन, जरूरी हय कि ऊ तलवार सी मारयो जायेंन। येकोलायी परमेश्वर को लोगों न धीरज अऊर विश्वास रखनो जरूरी हय।
कहालीकि ओको न्याय सच्चो अऊर उचित हंय। ओन वा वेश्या को, जो अपनो व्यभिचार सी धरती ख भ्रष्ट करत होती, न्याय करयो अऊर परमेश्वर न अपनो सेवकों को खून को बदला लियो हय।”