प्रकाशितवाक्य 14:2 - परमेश्वर को सच्चो वचन नयो नियम
2 अऊर स्वर्ग सी मोख एक असो आवाज सुनायी दियो जो पानी को झरना अऊर बड़ो गर्जन को जसो आवाज होतो, अऊर जो आवाज मय न सुन्यो ऊ असो होतो मानो संगीतकारों संगीत बजाय रह्यो हंय।
मय प्रभु को दिन आत्मा म आय गयो, अऊर अपनो पीछू तुरही को जसो बड़ो आवाज यो कहतो सुन्यो, जो कुछ तय देख रह्यो हय ओख एक किताब म लिखतो जा अऊर या किताब ख सात शहरों की मण्डलियों म भेज दे।
जब सातवों स्वर्गदूत न तुरही फूकी, त आसमान म तेज आवाज होन लगी। “हि कह्य रही होती अब जगत को राज्य हमरो प्रभु को आय अऊर ओको मसीह म ओको राज्य हमेशा हमेशा को लायी रहेंन।”
फिर मोख एक काच को एक समुन्दर दिखायी दियो जेको म मानो आगी हो। अऊर मय न देख्यो कि जिन्न ऊ हिंसक पशु की मूर्ति पर अऊर ओको नाम सी सम्बन्धित संख्या पर विजय पा ली हय, हि भी ऊ काच को समुन्दर पर खड़ो हय। उन्न परमेश्वर को द्वारा दी गयी विणाये पा ली।
“वानी बजावन वालो, अऊर गावन वालो, अऊर बांसुरी बजावन वालो, अऊर तुरही फूकन वालो को आवाज फिर कभी तोरो म सुनायी नहीं देयेंन; अऊर कोयी उद्धम को कोयी कारीगर भी फिर कभी तोरो म नहीं मिलेंन; अऊर चक्की पिसन को आवाज फिर कभी तोरो म सुनायी नहीं देयेंन;
जब ओन किताब ले ली, त हि चारयी प्रानी अऊर चौबीसों बुजूर्ग लोगों न ऊ मेम्ना को सामने घुटना टेक्यो। उन्म सी हर एक को हाथ म वीणा अऊर धूप, जो पवित्र लोगों की प्रार्थनाये हंय, हि सुगन्धित चिजे सी भरयो हुयो सोनो को कटोरा होतो।
पहिले स्वर्गदूत न तुरही फूकी, अऊर खून सी मिली हुयी गारगोटी अऊर आगी पैदा भयी, अऊर धरती पर खल्लो कुड़ायी गयी। जेकोसी धरती को एक तिहाई भाग जर क भस्म भय गयी, एक तिहाई झाड़ जर गयो, अऊर सब हरी घास भी जल गयी।