कहालीकि मसीह न आदमी को हाथ को बनायो हुयो पवित्र जागा म, जो सच्चो पवित्र जागा को नमुना हय, सिरयो नहीं पर स्वर्ग म खुद सिरयो, ताकि हमरो लायी अब परमेश्वर को सामने प्रगट हो।
“यो वजह हे स्वर्गों अऊर उन्म रहन वालो, मगन हो; पर हे धरती, अऊर समुन्दर, तुम पर हाय! कहालीकि शैतान बड़ो गुस्सा को संग तुम्हरो जवर उतर आयो हय, कहालीकि जानय हय कि ओको जवर थोड़ोच समय अऊर बाकी हय।”
फिर मय न सिंहासन म सी कोयी ख ऊचो आवाज सी यो कहतो हुयो सुन्यो, “देखो, अब परमेश्वर को घर आदमियों को बीच म हय। अऊर ऊ उन्को संग रहेंन, अऊर हि ओको लोग होयेंन। अऊर परमेश्वर खुद उन्को संग रहेंन अऊर उन्को परमेश्वर होयेंन।
इन बातों को बाद जो मय न नजर करी त का देखूं हय, कि स्वर्ग म एक द्वार खुल्यो हुयो हय, अऊर जेक मय न पहिले तुरही को जसो आवाज सी अपनो संग बाते करतो सुन्यो होतो, उच कह्य हय, “यहां ऊपर आय जा; अऊर मय हि बाते तोख दिखाऊं, जेको इन बातों को बाद पूरो होनो जरूरी हय।”
ऊ सिंहासन को चारयी तरफ चौबीस सिंहासन अऊर होतो; अऊर इन सिंहासनों पर चौबीस बुजूर्ग लोग सफेद कपड़ा पहिन्यो हुयो बैठ्यो होतो, अऊर उन्को मुंड पर सोनो को मुकुट होतो।
फिर मय न स्वर्ग म अऊर धरती पर, अऊर धरती को खल्लो अऊर समुन्दर को पूरो प्रानियों अऊर ब्रम्हांड को प्रानियों ख यो गातो सुन्यो, “जो सिंहासन पर बैठ्यो हय ओको अऊर मेम्ना की स्तुति आदर, महिमा अऊर सामर्थ राज्य हमेशा हमेशा रहे!”
योच वजह हि परमेश्वर को सिंहासन को सामने हंय, अऊर ओको मन्दिर म दिन-रात ओकी सेवा करय हंय, अऊर जो सिंहासन पर बैठ्यो हय, हि ओकी उपस्थिति म उन्की रक्षा करेंन।
येको बाद मय न नजर करी, अऊर देखो, हर एक जाति अऊर गोत्र, अऊर राष्ट्र अऊर भाषा म सी एक असी बड़ी भीड़, जेक कोयी गिन नहीं सकत होतो, सफेद कपड़ा पहिन्यो अऊर अपनो हाथों म खजूर की डगाली लियो हुयो सिंहासन को सामने अऊर मेम्ना को सामने खड़ी होती,