जब ओन किताब ले ली, त हि चारयी प्रानी अऊर चौबीसों बुजूर्ग लोगों न ऊ मेम्ना को सामने घुटना टेक्यो। उन्म सी हर एक को हाथ म वीणा अऊर धूप, जो पवित्र लोगों की प्रार्थनाये हंय, हि सुगन्धित चिजे सी भरयो हुयो सोनो को कटोरा होतो।
हि एक नयो गीत गाय रह्यो होतो, “तय या किताब लेन ख अऊर येको पर लगी मुहरें खोलन को समर्थ हय कहालीकि तोरी हत्या बली को रूप म कर दियो गयो होतो अऊर ओको द्वारा परमेश्वर को लोगों ख हर जाति सी अऊर भाषा सी अऊर सब गोत्रों सी सब राष्ट्रों सी मोल लियो,