5 यदि कोयी उन्ख हानि पहुंचानो चाहवय हय, त उन्को मुंह सी आगी निकल क उन्को दुश्मनों ख भस्म करय हय; अऊर यदि कोयी उन्ख हानि पहुंचानो चाहेंन, त जरूर योच रीति सी मार डाल्यो जायेंन।
दूसरों हिंसक पशु बड़ो-बड़ो चिन्ह दिखावत होतो, यहां तक कि आदमियों को सामने आसमान सी धरती पर आगी बरसाय देत होतो।
मोख यो दर्शन म घोड़ा अऊर उन्को असो सवार दिखायी दियो जिन्की छाती की झिलम धधकती आगी जसी लाल, अऊर गहरो निलो, अऊर गन्धक जसो पिलो दिखायी दियो, अऊर घोड़ा की मुंड सिंहों को मुंड को जसो अऊर उन्को मुंह सी आगी, धुवा अऊर गन्धक निकलन को जसो दिखायी दियो।