4 यो उच जैतून को दोय झाड़ अऊर दोय दीवट आय जो धरती को प्रभु को सामने खड़ो रह्य हंय।
“कोयी आदमी दीया जलाय क लूकावय नहीं यां बर्तन को खल्लो नहीं रखय, पर दीवट पर रखय हय कि अन्दर आवन वालो प्रकाश देखेंन।
येकोलायी जागतो रहो अऊर हर समय प्रार्थना करतो रहो कि तुम इन सब आवन वाली घटना सी बचनो अऊर आदमी को बेटा को आगु खड़ो होन को लायक बनो।”
पर यदि कुछ डगाली तोड़ दियो गयो, अऊर तय जंगली जैतून होय क ओको म कलम करयो गयो, अऊर जैतून की जड़ी की शक्ति को सहभागी भयो,
मतलब उन सात तारा को भेद जिन्ख तय न मोरो दायो हाथ म देख्यो होतो, अऊर उन सात सोनो को दीवट को भेद: हि सात तारा सातों मण्डलियों को दूत आय, अऊर हि सात दीवट सात मण्डलियां हंय।