“यो वजह हे स्वर्गों अऊर उन्म रहन वालो, मगन हो; पर हे धरती, अऊर समुन्दर, तुम पर हाय! कहालीकि शैतान बड़ो गुस्सा को संग तुम्हरो जवर उतर आयो हय, कहालीकि जानय हय कि ओको जवर थोड़ोच समय अऊर बाकी हय।”
फिर ओन मोरो सी कह्यो, “या बाते पूरी भय गयी हंय। मय अल्फा अऊर ओमेगा आय, पहिलो अऊर आखरी आय। अऊर जो कोयी प्यासो हय ओख मय जीवन को जल को सोता सी फुकट म पिवन को अधिकार देऊ।
तब चौबीसों बुजूर्ग लोग सिंहासन पर बैठ्यो हय ओको चरनों म गिर क ऊ सदा हमेशा जीन्दो रहन वालो की आराधना करय हय। हि सिंहासन को सामने अपनो मुकुट डाल देवय हय अऊर कह्य हय,
“हे हमरो प्रभु अऊर परमेश्वर, तयच महिमा अऊर आदर अऊर सामर्थ को लायक हय; कहालीकि तय नच सब चिजे सृजी अऊर हि तोरीच इच्छा सी हि अस्तित्व म आयी होती अऊर जीन्दी हय।”
उन्म सी हर एक ख सफेद कपड़ा दियो गयो, अऊर उन्को सी कह्यो गयो कि अऊर थोड़ी देर तक आराम करो, जब तक कि उन्को उन संगी सेवकों अऊर विश्वासियों कि मरन की संख्या पूरी नहीं होय जावय जिन्की वसीच हत्या करी जान वाली हय जसी तुम्हरी करी गयी हय।