कहालीकि हम जानजे हंय कि जब हमरो धरती पर को डेरा जसो घर जो हमरो शरीर हय गिरायो जायेंन, त हम्ख परमेश्वर को तरफ सी स्वर्ग पर एक असो भवन मिलेंन जो हाथों सी बन्यो हुयो घर नहीं, पर अनन्त काल को हय।
अब मय जीन्दो नहीं रह्यो, पर मसीह मोरो म जीन्दो हय। अऊर मय शरीर म अब जो जीन्दो हय त केवल ऊ विश्वास सी जीन्दो हय जो परमेश्वर को बेटा पर हय, जेन मोरो सी प्रेम करयो अऊर मोरो लायी अपनो आप ख दे दियो।
पर असो नहीं होय कि मय दूसरी कोयी बात को घमण्ड करू, केवल हमरो प्रभु यीशु मसीह को क्रूस को, जेको द्वारा जगत मोरी नजर म अऊर मय जगत की नजर म क्रूस पर चढ़ायो गयो हय।
मय त याच गहरी इच्छा अऊर आशा रखू हय कि मय कोयी बात म शर्मिन्दा नहीं होऊं, पर जसो मोरी बड़ी साहस को वजह मसीह कि महिमा मोरो शरीर को द्वारा हमेशा होती रही हय, वसीच अब भी हो, चाहे मय जीन्दो रहूं या मर जाऊं।
कहालीकि अब मय दोयी दिशावों को बीच म मोख कठिनायी होय रही हय; मय अपनो जीवन सी बिदा होय क मसीह को जवर जानो चाहऊं हय, कहालीकि या बात मोरो लायी बहुतच अच्छी हय,
फिर मय न स्वर्ग सी यो आवाज सुन्यो, “लिख: अब सी हि लोग धन्य होयेंन जो प्रभु म बन्यो रह्य क मरय हंय।” आत्मा कह्य हय, “हव, कहालीकि हि अपनो पूरो मेहनत सी आराम पायेंन, अऊर उन्को सेवा को फर उन्ख मिलेंन।”