जोतिषियों न ऊ घर म जाय क ऊ बच्चा ख ओकी माय मरियम को संग देख्यो, अऊर झुक क बच्चा ख नमस्कार करयो, अऊर अपनो-अपनो झोली खोल क ओख सोना, लुबान, अऊर गन्धरस की भेंट चढ़ायो।
मय उच यूहन्ना आय, जो या बाते सुनत अऊर देखत होतो। जब मय न सुन्यो अऊर देख्यो, त जो स्वर्गदूत मोख या बाते दिखावत होतो, मय ओको पाय पर दण्डवत आराधना करन लायी गिर पड़्यो।
तब चौबीसों बुजूर्ग लोग सिंहासन पर बैठ्यो हय ओको चरनों म गिर क ऊ सदा हमेशा जीन्दो रहन वालो की आराधना करय हय। हि सिंहासन को सामने अपनो मुकुट डाल देवय हय अऊर कह्य हय,
जब ओन किताब ले ली, त हि चारयी प्रानी अऊर चौबीसों बुजूर्ग लोगों न ऊ मेम्ना को सामने घुटना टेक्यो। उन्म सी हर एक को हाथ म वीणा अऊर धूप, जो पवित्र लोगों की प्रार्थनाये हंय, हि सुगन्धित चिजे सी भरयो हुयो सोनो को कटोरा होतो।