2 अऊर चालीस दिन तक आत्मा को सिखावनो सी सुनसान जागा म फिरतो रह्यो; अऊर शैतान ओकी परीक्षा करत रह्यो। उन दिनो म ओन कुछ नहीं खायो, अऊर जब हि दिन पूरो भय गयो, त ओख भूख लगी।
भुन्सारो ख जब यीशु नगर ख लौटतो समय ओख भूख लगी।
जब ऊ चालीस दिन अऊर चालीस रात उपवास कर लियो, तब ओख बहुत भूख लगी।
तब शैतान न ओको सी कह्यो, “यदि तय परमेश्वर को बेटा आय, त यो गोटा सी कह्य, कि रोटी बन जाय।”
अऊर याकूब को कुंवा भी उतच होतो। येकोलायी यीशु रस्ता को थक्यो हुयो ऊ कुंवा पर असोच बैठ गयो। या बात दोपहर को लगभग भयी।
कहालीकि जब ओन परीक्षा की दशा म दु:ख उठायो, त ऊ उन्की भी मदत कर सकय हय जेकी परीक्षा होवय हय।
कहालीकि हमरो जवर असो महायाजक नहाय कि जो हमरी कमजोरियों को संग सहानुभूति नहीं रख सके। वसोच परख्यो गयो जसो हम्ख, पर ऊ हमेशा पाप रहित रह्यो।