1 यीशु न चारयी तरफ आंखी उठाय क धनवानों ख मन्दिर को भण्डार म अपनो दान डालतो देख्यो।
या बाते ओन मन्दिर म शिक्षा देतो हुयो दान भण्डार घर म कहीं, अऊर कोयी न ओख नहीं पकड़्यो, कहालीकि ओको समय अब तक नहीं आयो होतो।
मुख्य याजकों न उन सिक्का ले क कह्यो, “इन्क, भण्डार म रखनो ठीक नहाय, कहालीकि यो खून को दाम आय।”
हि विधवावों को फायदा उठावय हय, अऊर उनकी जायजाद हड़प लेवय हय, अऊर दिखान लायी बड़ो देर तक प्रार्थना करय हंय: इन बहुतच सजा पायेंन।”