3 जावो! मय तुम्ख मेंढीं को जसो भेड़ियों को बीच म भेजू हय।
“देखो, मय तुम्ख मेंढीं को जसो भेड़ियों को बीच म भेजूं हय, येकोलायी सांप को जसो बुद्धिमान अऊर कबूत्तरों को जसो भोलो बनो।”
मोरो नाम को वजह सब लोग तुम सी दुश्मनी करेंन, पर जो आखरी तक धीरज रखेंन ओकोच उद्धार होयेंन।”
“झूठो भविष्यवक्तावों सी चौकस रहो, जो मेंढीं को रूप म तुम्हरो जवर आवय हंय, पर आखरी म हि फाड़न वालो भेड़िया आय।
येकोलायी नहीं बटवा, नहीं झोली, नहीं जूता लेवो; अऊर नहीं रस्ता म कोयी ख नमस्कार करो।
मजूर जो नहीं चरवाहा आय अऊर नहीं मेंढीं को मालिक आय, भेड़िया ख आवता देख मेंढीं ख छोड़ क भग जावय हय अऊर भेड़िया उन्ख पकड़तो अऊर तितर-बितर कर देवय हय।
जो बात मय न तुम सी कहीं होती, ‘सेवक अपनो मालिक सी बड़ो नहीं होवय,’ ओख याद रखो। यदि उन्न मोख सतायो, त तुम्ख भी सतायेंन; यदि उन्न मोरी बात मानी, त तुम्हरी भी मानेंन।
हि तुम्ख आराधनालयों म सी निकाल दियो जायेंन, बल्की ऊ समय आवय हय, कि जो कोयी तुम्ख मार डालेंन ऊ समझेंन कि मय परमेश्वर की सेवा करू हय।
मय जानु हय कि मोरो जान को बाद फाड़न वालो भेड़िया तुम म आयेंन जो झुण्ड ख नहीं छोड़ेंन।
अऊर मय ओख बताऊ कि मोरो नाम लायी ओख कसो कसो दु:ख उठावनो पड़ेंन।”
अऊर ओको सी दमिश्क को आराधनालयों को नाम पर या बात की चिट्ठियां मांगी कि का पुरुष का बाई, जिन्ख ऊ यो पंथ पर पाये उन्ख बान्ध क यरूशलेम ले आये।