4 हे विश्वास हिन लोगों, का तुम नहीं जानय कि जगत सी दोस्ती करनो परमेश्वर सी दुस्मनी करनो हय जो कोयी जगत को संगी होनो चाहवय हय ऊ अपनो आप ख परमेश्वर को दुश्मन बनावय हय।
का मय आदमियों सी समर्थन चाहऊं हय यां जगत को स्वामी सी? यां मोख परमेश्वर को समर्थन मिले? का मय आदमियों ख खुश करन की कोशिश कर रह्यो हय? कहालीकि यदि मय अभी तक आदमियों ख खुश करन की कोशिश कर रह्यो हय, त मय मसीह को सेवक नहीं होय सकू।
यदि तुम जगत को होतो, त जगत अपनो सी प्रेम रखतो; पर यो वजह कि तुम जगत को नोहोय, बल्की मय न तुम्ख जगत म सी चुन लियो हय, येकोलायी जगत तुम सी दुश्मनी रखय हय।
“कोयी आदमी दोय मालिक की सेवा नहीं कर सकय, कहालीकि ऊ एक सी दुश्मनी अऊर दूसरों सी प्रेम रखेंन, यां एक सी मिल्यो रहेंन अऊर दूसरों ख तुच्छ जानेंन। तुम परमेश्वर अऊर धन दोयी की सेवा नहीं कर सकय।”
जब हम परमेश्वर को दुश्मन होतो पर परमेश्वर न अपनो बेटा को मृत्यु को द्वारा हमरो संग मेल-मिलाप करयो। अऊर जब हम परमेश्वर को संगी हय त मसीह को जीवन द्वारा बहुत जादा हमरो उद्धार करेंन
कहालीकि जब परमेश्वर को ज्ञान को अनुसार जगत न ज्ञान सी परमेश्वर ख नहीं जान्यो, त परमेश्वर ख यो अच्छो लग्यो कि यो प्रचार की “मूर्खता” को द्वारा विश्वास करन वालो ख उद्धार दे।