3 तुम मांगय हय अऊर पावय नहाय, येकोलायी कि बुरी इच्छा सी मांगय हय, ताकि अपनो सुखविलास म उड़ाय देवो।
यीशु न उत्तर दियो, “तुम नहीं जानय कि का मांगय हय। जो कटोरा मय पीवन पर हय, का तुम पी सकय हय?” उन्न ओको सी कह्यो, “पी सकय हंय।”
यीशु न उन्को सी कह्यो, “तुम नहीं जानय कि का मांग रह्यो हय? जो दु:ख को कटोरा मय पीवन पर हय, का तुम पी सकय हय? अऊर जो मरन को बपतिस्मा मय लेन पर हय, का तुम ले सकय हय?”
कहालीकि जो कोयी मांगय हय, ओख मिलय हय; अऊर जो ढूंढय हय, ऊ पावय हय; अऊर जो खटखटावय हय, ओको लायी खोल्यो जायेंन।
कुछ दिन को बाद छोटो बेटा सब कुछ जमा कर क् दूर देश ख चली गयो, अऊर उत गन्दो काम म अपनी जायजाद उड़ाय दियो।
पर तोरो यो बेटा जेन तोरी जायजाद वेश्यावों म उड़ाय दियो हय, जब ऊ घर वापस आयो, त ओको लायी तय न पल्यो हुयो बछड़ा कटवायो!’
का तुम्हरो बीच म लड़ाईयां अऊर झगड़ा कित सी आवय हय? का यो इच्छावों सी नहीं होवय हय? जो तुम्हरो अन्दर झगड़ा करतो रह्य हंय।
अऊर जो कुछ हम मांगजे हंय, ऊ हम्ख ओको सी मिलय हय, कहालीकि हम ओकी आज्ञावों ख मानजे हंय अऊर जो ओख भावय हय उच करजे हंय।
अऊर हम्ख ओको आगु जो हिम्मत होवय हय, ऊ यो आय; कि यदि हम ओकी इच्छा को अनुसार कुछ मांगजे हंय, त ऊ हमरी सुनय हय।