तुम अपनो बाप शैतान सी आय अऊर अपनो बाप की लालसावों ख पूरो करनो चाहवय हय। ऊ त सुरूवात सी हत्यारों हय अऊर सत्य पर स्थिर नहीं रह्यो, कहालीकि सत्य ओको म हयच नहाय। जब ऊ झूठ बोलय, त अपनो स्वभाव सीच बोलय हय; कहालीकि ऊ झूठो हय बल्की झूठ को बाप हय।
कहालीकि हम भी पहिले नासमझ, अऊर आज्ञा नहीं मानन वालो, अऊर गलत होतो। अऊर कुछ तरह की इच्छावों अऊर सुखविलास को चाहत म होतो, अऊर बैरभाव, अऊर जलन करन म जीवन बितावत होतो, अऊर घृना रखत होतो, अऊर एक दूसरों सी दुश्मनी रखत होतो।
हि बेकार घमण्ड की बाते कर कर क् अनैतिक को कामों को द्वारा, उन लोगों ख जो भटक्यो हुयो म सी निकलन को सुरूवातच कर रह्यो होतो उन्ख शारीरिक अभिलाषावों म फसाय लेवय हंय।