7 असो आदमी यो नहीं समझे कि मोख प्रभु सी कुछ मिलेंन,
पर विश्वास सी मांगे, अऊर कुछ शक मत करो, कहालीकि शक करन वालो समुन्दर की लहर को जसो हय जो हवा सी बहय अऊर उछलय हय।
ऊ आदमी शक्की हय अऊर अपनी बातों म अस्थिर हय।
तुम मांगय हय अऊर पावय नहाय, येकोलायी कि बुरी इच्छा सी मांगय हय, ताकि अपनो सुखविलास म उड़ाय देवो।