तब राजा अपनो दायो तरफ वालो सी कहेंन, ‘हे मोरो बाप को धन्य लोगों, आवो, ऊ राज्य को अधिकारी होय जावो, जो जगत की सुरूवात सी तुम्हरो लायी तैयार करयो गयो हय।
“धन्य हय तुम जब आदमी को बेटा को वजह लोग तुम सी दुश्मनी करेंन, अऊर तुम्ख निकाल देयेंन, अऊर तुम्हरी निन्दा करेंन, अऊर तुम्हरो नाम बुरो जान क काट देयेंन।”
हम जानजे हंय कि जो लोग परमेश्वर सी प्रेम रखय हंय, उन्को लायी सब बाते मिल क भलायीच ख पैदा करय हंय; मतलब उन्कोच लायी जो ओकी इच्छा को अनुसार बुलायो हुयो हंय।
पर जसो लिख्यो हय, “जो बात आंखी न नहीं देखी अऊर कान न नहीं सुनी, अऊर जो बाते आदमी को चित म नहीं चढ़ी, उच हंय जो परमेश्वर न अपनो प्रेम रखन वालो लायी तैयार करी हंय।”
हर एक प्रतियोगी सब तरह को नियम को पालन करय हय; हि खेल म इनाम पावन लायी एक मुरझान वालो हार ख पावन लायी यो सब करय हंय, पर हम त ऊ हार लायी करय हंय जो मुरझान वालो नहाय।
भविष्य म मोरो लायी जीत को ईनाम रख्यो हुयो हय। जेक प्रभु, जो सच्चो अऊर सच्चायी हय, मोख ऊ दिन देयेंन, अऊर मोखच नहीं बल्की उन सब ख भी जो ओको प्रगट होन ख प्रिय जानय हंय।
विश्वास कोच वजह अब्राहम न, जब परमेश्वर ओकी परीक्षा ले रह्यो होतो, अपनो बेटा इसहाक ख बलिदान को रूप म भेंट दियो; अब्राहम ऊ होतो जेक परमेश्वर न प्रतिज्ञा दी होती फिर भी ऊ अपनो एकलौतो बेटा ख बली चढ़ावन लायी तैयार होतो।
का तुम ऊ प्रोत्साहन को शब्द ख जो परमेश्वर न ओको टुरा जान क तुम सी कह्यो का तुम भूल गयो हय: “हे मोरो टुरा, जब परमेश्वर तोख सुधारय त ध्यान लगाव, अऊर जब ऊ तोख ताड़ना करेंन त निराश मत हो।
हे मोरो प्रिय भाऊवों अऊर बहिनों, सुनो। का परमेश्वर न यो जगत को गरीबों ख नहीं चुन्यो कि विश्वास म धनी अऊर ऊ राज्य को अधिकारी हो, जेकी प्रतिज्ञा ओन उन्को सी करी हय जो ओको सी प्रेम रखय हंय?
देखो, हम धीरज धरन वालो उन भविष्यवक्तावों ख धन्य कहजे हंय। तुम न अय्युब को धीरज को बारे म त सुन्योच हय, अऊर प्रभु को तरफ सी जो ओको प्रतिफल भयो ओख भी जान लियो हय, जेकोसी प्रभु की अत्यन्त करुना अऊर दया प्रगट होवय हय।
अब परमेश्वर जो पूरो अनुग्रह को दाता हय, जेन तुम्ख यीशु मसीह म अपनी अनन्त महिमा को लायी बुलायो, तुम्हरो थोड़ो देर तक दु:ख उठावन को बाद खुदच तुम्ख सिद्ध अऊर स्थिर अऊर बलवन्त करेंन।
जो दु:ख तोख झेलनो पड़ेंन, उन सी मत डर। देखो, शैतान तुम म सी कुछ ख जेलखाना म डालन पर हय ताकि तुम परख्यो जावो; अऊर तुम्ख दस दिन तक कठिनायी उठानो पड़ेंन। जीव जात तक विश्वास लायक रहो, त मय तोख विजय को मुकुट तोख जीवन देऊ।”