यो उन झूठो भाऊवों को वजह भयो जो जासूसों को तरह हमरो बिच म चुपचाप सी घुस आयो होतो, कि ऊ स्वतंत्रता को जो मसीह यीशु म हम्ख मिली हय, भेद लेय क हम्ख सेवक बनाये।
तब फिर व्यवस्था को उद्देश का होतो? आज्ञा को अपराधो को वजह व्यवस्था ख वचन सी जोड़ दियो गयो होतो ताकी जेको लायी अब्राहम को वंशज को आवन तक ऊ रहे, प्रतिज्ञा दी गयी होती; अऊर ऊ स्वर्गदूतों को द्वारा मध्यस्थ सी दी गयी होती।
पर अब जो तुम न परमेश्वर ख पहिचान लियो बल्की परमेश्वर न तुम ख पहिचान लियो, त उन कमजोर अऊर बेकार अऊर सुरूवात की शिक्षा को तरफ फिरय हय, जिन्को तुम दुबारा सेवक होनो चाहवय हय?
कहालीकि तुम मसीह को संग मर चुक्यो हय, अऊर ब्रम्हांड कि शासन करन वाली आत्मावों सी मुक्त करयो गयो हय। त फिर कहाली उन्को जसो जो जगत को हंय जीवन बितावय हय? तुम असी विधियों को वश म कहाली रह्य हय
सावधान रहो कि कोयी तुम्ख ऊ आदमी की बुद्धी ख धोका सी तुम्ख गुलाम नहीं बनाय ले, जो मानविय परम्परागत शिक्षा सी प्राप्त होत आयी हय अऊर ब्रम्हांड ख शासन करन वाली आत्मावों कि देन आय नहीं की मसीह की।
वास्तव म यो समय तक त तुम्ख गुरु बनानो चाहिये होतो, तब भी या जरूरत भय गयी हय कि कोयी तुम्ख परमेश्वर को वचन की सुरूवात की शिक्षा सिखाये। तुम त असो भय गयो हय कि तुम्ख ठोस जेवन खान को बजाय, तुम ख अभी भी दूध पीनो पड़य हय।